मास्क... नकाब ...मुखवटा


 मास्क... नकाब ...मुखवटा 

(आर डी बर्मन आणि गुलजार यांची माफी मागून)


तेरे बिना जिंदगी से कोई शिकवा तो नही, 

शिकवा नही, शिकवा नही, शिकवा नही

तेरे बिना जिंदगी भी लेकीन जिंदगी नही

जिंदगी नही जिंदगी नही जिंदगी नही


काश ऐसा हो तेरे साथ रहने से मुंह पे 

मंझिल चले और कंही दूर कंही 

तुम अगर साथ हो तो इन्फेक्शन का डर नही

तेरे बिना जिंदगी से कोई शिकवा तो नही

शिकवा नही, शिकवा नही, शिकवा नही


जी मे आता है तेरे दामन मे मुंह छुपा के

हम जिते रहे, रोते रहे, हसते रहे 

तेरे ढकने से सांसो की कमी तो नही


तेरे बिना जिंदगी से कोई शिकवा तो नही

शिकवा नही, शिकवा नही, शिकवा नही



तुम जो कह दो तो आज मै फेक दु तुमहे

रोक सको तो रोकलो, देखो तुम रोकलो

राज की बात है कोरोना अभी है तो नही

तेरे बिना जिंदगी से कोई शिकवा तो नही

शिकवा नही, शिकवा नही, शिकवा नही



शरद पुराणिक

मास्क मुक्ती दिन ..010422

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